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लोकसभा चुनाव 2019: लाॅलीपाॅप देने का दौर शुरू

सदभावना न्यूज़@उत्तरप्रदेश ब्यूरो 

लखनव (बदायु):- लोकसभा चुनाव को लेकर दावेदार अभी से तैयारी मे जुट गए हैं। कोई अपना प्रतिनिधि बनाकर लॉलीपॉप दे रहे हैं तो कोई अपने कार्यकर्ताओ को घडी दे रहे हैं। किस करवट ऊंट बैठेगा यह समय की बात है। कुछ दिनो से सोशल मीडिया पर मौजूदा सांसद और पूर्व सांसद के समर्थक अपने अपने नेताओ के तारीफो के पुल बांधे हुए हैं। इस बात से किसी को परहेज नही है कि कम समय मे मौजूदा सांसद ने जिले मे विकास कराया है। वहीं पांच बार रहे पूर्व सांसद से तुलना करना उचित नही है। मौजूदा सांसद ने जहां विकास कराया है। तब प्रतिनिधि बनाकर लाॅलीपाॅप देना समझ से बाहर है। या यूं कहें कि अपनी ही सरकार मे अपने पूर्व सदर विधायक से विवाद होने से एक वर्ग को खुश करने के लिए यह लाॅलीपाॅप दिया जा रहा है। भले ही पूर्व सदर विधायक से आपसी विवाद के बाद समझौता हो गया था। लेकिन जो सम्मान की वजह से मैदान मे उतरे थे समझौते के बाद उन लोगो की तरफ पूर्व सदर विधायक का दिल कैसे साफ होगा। यह तो कोई नही जान सकता। शायद यही सोचकर मौजूदा सांसद ने सम्मान की वजह से मैदान मे उतरने वालो मे से कुछ करीबियों को प्रतिनिधि का लाॅलीपाॅप दिया है। इस लाॅलीपाॅप से आपसी फर्क महसूस होता है। जैसे की क्षेत्र के  लोगो का कहना है कि मौजूदा सांसद ने विकास कराया जो दिखता भी है। लेकिन यह बात समझ मे नही आ रही है कि जब दिखने वाला विकास कराया है तब यह लाॅलीपाॅप देने का मकसद क्या है। जैसा कि सोशल मीडिया पर मौजूदा सांसद और पूर्व सांसद के समर्थक एक दूसरे पर टिप्पणी कर रहे हैं। तब यह कहना भी गलत नही होगा कि पूर्व सांसद के दौर मे भले ही पार्टी मे आपसी मतभेद रहा हो लेकिन वह मतभेद जाहिर नही हुआ। जैसा कि सडक पर पुतले फूंकना एक दूसरे पर आरोप लगाना मीडिया पर सुर्खियों पर रहने के बावजूद समझौता हो जाना यह वह लोग कैसे भूल सकते है जिन्होंने खुलकर विरोध किया था। और रहा सवाल विकास का तो पूर्व सांसद के साथ विकास की बात करना समय काटने जैसा है। पांच बार सांसद रहने बावजूद विकास नाम की चीज जिले मे देखने को नही मिली। उसके बाद भी बदायूॅ से चुनाव लडने की किस हिम्मत से तैयारी कर रहे है जिस हिम्मत की प्रशंसा करनी चाहिए। अगर पूर्व सांसद यह सोच ले कि जनता उनके दौर मे कराए गए विकास को देखना चाहे तब कहां दिखाएंगे। या यूं कह लो कि मौजूदा सांसद ने जो विकास कराया है पूर्व सांसद  वही अपने द्वारा कराया बता भी सकते हैं क्योंकि सियासत मे कुछ भी हो सकता है। पूर्व सांसद चुनाव की तैयारी जोरशोर से कर रहे हैं अभी कुछ दिन पहले अपने कार्यकर्ताओं को घडी देकर सम्मानित किया था। यह लाॅलीपाॅप चुनाव के लिए दिया गया। जनता यह कहती नजर आ रही है कि मौजूदा सांसद ने अपने दौर मे जिले के लिए बहुत कुछ किया है। और पूर्व सांसद ने सिर्फ और सिर्फ विकास के नाम पर धोखा दिया है। बता दें कि सांसद धर्मेन्द्र यादव दूसरी बार बदायूँ से सपा के टिकट पर चुने गए हैं, जबकि सलीम इकबाल शेरवानी पांच बार बदायूँ से चुने जा चुके हैं। 2009 में जब सपा ने बदायूँ से सलीम इकबाल शेरवानी का टिकट काटकर धर्मेन्द्र यादव को मैदान में उतारा तो शेरवानी ने बगावत कर दी पूर्व सांसद  सलीम शेरवानी इस चुनाव में कांग्रेस से लड़े गए और चुनाव हारे गए थे।सदभावना न्यूज़ उत्तरप्रदेश ब्यूरो की रिपोर्ट 
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