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सफाई की व्यवस्था शहर में पूरी तरह ध्वस्त

पालिका खुलेआम उडा रही सरकार के स्वच्छ भारत अभियान का मजाक 


सदभावना न्यूज़@उत्तरप्रदेश ब्यूरो

( शारिक नसीरी)
बदायुं: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सफाई अभियान की इससे ज्यादा दुर्गति क्या होगी कि एक शहर की पालिका में उन्हीं के पार्टी की अध्यक्ष विराजमान हो और वह शहर सफाई के टेस्ट में फेल होता नजर आ रहा है। जी हां! हम बात कर रहे हैं नगर पालिका परिषद बदायूॅ  की। यहां शहर के वार्ड संख्या 23, 24, 26 28, 29 में चारों ओर गंदगी फैली हुई है। आम हो या खास सभी को नाक बंद कर रास्ते से गुजरना पड़ता है। सफाई की व्यवस्था शहर में पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। यहां के लोग गंदगी से बेहाल हैं। इसकी वजह से संक्रामक बीमारी फैलने का भय बना हुआ है। क्षेत्रवासियों की मानें तो सफाईकर्मी मोहल्लों में पड़े कूड़े की ढेर को छूते ही नहीं है बल्कि मुख्य मार्ग पर सफाई कर चले जाते हैं। कूड़े का ढेर साफ न होने से तेज बदबू के कारण रास्ता चलना मुहाल हो जाता है। लोगो का यह भी कहना है कि शिकायत करने पर सफाई कर्मी व नपा प्रशासन बहाना बना देते हैं। इसकी वजह से इन सभी वार्ड मे गंदगी व कचरा फैला रहता है। वार्ड नंबर 29 मे ट्रांसफार्मर की ओर वाला जामा मस्जिद का गेट के सामने वार्ड नंबर 24 मे कूढे का ढेर पडा रहता है। जो यह बयान कर रहा है कि जब धार्मिक स्थल के सामने कूढा पडा है तब और जगह का हाल बेहाल होगा। इसी गेट से लगभग दो सौ मीटर की दूरी पर टाल के पास एक प्राइवेट डाक्टर का क्लिनिक है वहां पर कूड़ा शायद महीनो से नही उठा है।

दुर्गंध से वहां रहने वालो के साथ-साथ राहगीरो का भी बुरा हाल है। इस जगह पर कूढे के ढेर की लंबी लाइन बनी है जिसे देखकर यह लगता है कि यहां गंदगी नही सफाई साफ होती है। इसके बाद दैनिक प्रभात की टीम चक्कर की सडक पर पहुंची। यहां पर प्राइमरी स्कूल है जो वार्ड नंबर 29 मे है। यहां स्कूल मे बच्चे गेट के पास कूढे की दुर्गंध की वजह से नाक बंद करके जा रहे थे। उनके हाथ मे भोजन का टिफिन भी था पूछने पर बच्चो ने बताया कि दुर्गंध की वजह से स्कूल मे बैठकर भोजन किया नही जाता। वहां के लोगो ने बताया कि सफाई कभी-कभी होती है। इसी वार्ड के मौलवी टोला मे शहर ए काजी के घर से लगभग सौ मीटर दूर नुक्कड़ के पास कूढा देखकर ऐसा लगा कि जैसे पूरे वार्ड का कूढा इसी जगह पर डाल दिया गया हो। यहां पर टेडे मेडे रखे कूड़ेदान पूरे भरे पडे हैं और आसपास मे कूडा फैला पडा है। यहां पर लोग कैसे रहते होंगे यह शायद वही लोग जानते होंगे जिसकी खबर शायद जिम्मेदार लोगो को नही है। ऐसी ही हालत वार्ड नंबर 23 व 28 की है बंद नालियां कूढे के ढेर यहां की पहचान बन गए हैं। वार्ड नंबर 23 नागरान मे एक कोचिंग सेंटर के पास पडा कूडे का ढेर पडा है जिससे मालूम होता है कि यहां सफाई कर्मी नही आते हैं। और वार्ड नंबर  26 नागरान मे जब दैनिक प्रभात की टीम पहुंची तब देखा कि स्कूल वाली गली तालाब लग रही थी। नाली बंद होने की वजह से गंदा पानी सडक पर भरा था। जिससे निकलना दूबर हो रहा था। लोगो ने बताया कि कई दिनो से नाली बंद है कोई सुनने वाला नही है जीना दुश्वार हो गया है।

पालिका सफाई का दावा कर रही है लेकिन यह दावा फेल होता नजर आ रहा है। अभी कुछ दिनो पहले भी पानी को लेकर महिलाओ ने प्रदर्शन भी किया था। दीपमाला गोयल ने चेयरमैन बनते ही शहर को साफ करने का बीड़ा उठाया था और हर वार्ड मे सफाई अभियान चलाने की घोषणा की थी। शुरुआती दिनों में चेयरमेन कहीं नाली, कहीं नाला साफ करवाती तो कहीं सड़क पर झाड़ू लगवाती समाचार पत्रों मे दिखती थी। परंतु आज उस अभियान की क्या दशा हो गई है किसी से छिपा नहीं है और कई दिनो से चेयरमेन का सफाई कराते हुए चित्र कहीं नहीं छपा है। साथ ही सफाई भी कम हो रही है। और शहर बदतर हालात की ओर बढ़ता गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान की दुदर्शा भी बदायूॅ में हो गई है। नगर पालिका प्रशासन द्वारा खुलेआम सरकार के स्वच्छ भारत अभियान का मजाक उड़ाया जा रहा है। इसका अंदाजा शहर के इन सभी वार्ड मे जमा गंदगी के ढेरों से लगाया जा सकता है। जगह-जगह लगे गंदगी के ढेरों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्थानीय प्रशासन शहर को स्वच्छ बनाने के प्रति कितना गंभीर और सजग है। शहर के लोगों ने शहर की सफाई व्यवस्था दुरुस्त कराने की मांग की है। सदभावना न्यूज़@उत्तर प्रदेश ब्यूरो की रिपोर्ट 
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