पहलगाम हमले के वक्त ओवैसी होते प्रधानमंत्री तो क्या करते? खुद ही दिया जवाब
पहलगाम हमले के वक्त ओवैसी होते प्रधानमंत्री तो क्या करते? खुद ही दिया जवाब
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी से पूछा गया कि अगर वह पहलगाम हमले के समय प्रधानमंत्री होते तो क्या करते। जवाब में उन्होंने कहा कि वे ख्वाब नहीं देखते बल्कि हकीकत में जीते हैं। उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य केवल सत्ता में बैठना नहीं है। ओवैसी ने यह भी सवाल किया कि भारत ने पाकिस्तान को जवाब देना क्यों बंद कर दिया जबकि देश निर्णायक जवाब देने के लिए तैयार था।
ओवैसी ने कहा कि हमारा उद्देश्य केवल सत्ता में बैठना या मंत्री बनना नहीं है। (फाइल फोटो)
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूछा गया कि अगर पहलगाम हमले के वक्त वह प्रधानमंत्री होते तो हालात से कैसे निपटते। इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि वह ख्वाब नहीं देखते हैं और हकीकत की बात करते हैं।
एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा, "मेरे भाई, ये ख्वाब देखने का मुझे शौक नहीं है। मैं वास्तविकता से निपटता हूं और अपनी पहुंच की सीमा जानता हूं। हमारा उद्देश्य केवल सत्ता में बैठना या मंत्री बनना नहीं है।"
हालांकि, उन्होंने दोनों देशों के बीच युद्धविराम का हवाला देते हुए सवाल किया कि भारत ने पाकिस्तान को जवाब देना क्यों बंद कर दिया है।
सीजफायर को लेकर उठाए सवाल
उन्होंने कहा, "एक भारतीय नागरिक के तौर पर मैं कहना चाहूंगा कि पहलगाम के बाद हमारे पास कड़ी प्रतिक्रिया देने का एक अच्छा मौका था। यह क्यों रुक गया? मुझे नहीं पता, सच में, मुझे नहीं पता कि यह क्यों रुक गया...यह युद्ध जैसी स्थिति थी। अचानक ऑपरेशन रुक गए। जब पूरा देश निर्णायक जवाब देने के लिए तैयार था, तो इसे क्यों रोका गया? अब आप संसद में बैठकर पीओके हासिल करने की बात करते हैं।"
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी से पूछा गया कि अगर वह पहलगाम हमले के समय प्रधानमंत्री होते तो क्या करते। जवाब में उन्होंने कहा कि वे ख्वाब नहीं देखते बल्कि हकीकत में जीते हैं। उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य केवल सत्ता में बैठना नहीं है। ओवैसी ने यह भी सवाल किया कि भारत ने पाकिस्तान को जवाब देना क्यों बंद कर दिया जबकि देश निर्णायक जवाब देने के लिए तैयार था।

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूछा गया कि अगर पहलगाम हमले के वक्त वह प्रधानमंत्री होते तो हालात से कैसे निपटते। इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि वह ख्वाब नहीं देखते हैं और हकीकत की बात करते हैं।
एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा, "मेरे भाई, ये ख्वाब देखने का मुझे शौक नहीं है। मैं वास्तविकता से निपटता हूं और अपनी पहुंच की सीमा जानता हूं। हमारा उद्देश्य केवल सत्ता में बैठना या मंत्री बनना नहीं है।"
हालांकि, उन्होंने दोनों देशों के बीच युद्धविराम का हवाला देते हुए सवाल किया कि भारत ने पाकिस्तान को जवाब देना क्यों बंद कर दिया है।
सीजफायर को लेकर उठाए सवाल
उन्होंने कहा, "एक भारतीय नागरिक के तौर पर मैं कहना चाहूंगा कि पहलगाम के बाद हमारे पास कड़ी प्रतिक्रिया देने का एक अच्छा मौका था। यह क्यों रुक गया? मुझे नहीं पता, सच में, मुझे नहीं पता कि यह क्यों रुक गया...यह युद्ध जैसी स्थिति थी। अचानक ऑपरेशन रुक गए। जब पूरा देश निर्णायक जवाब देने के लिए तैयार था, तो इसे क्यों रोका गया? अब आप संसद में बैठकर पीओके हासिल करने की बात करते हैं।"
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