अब आसानी से नहीं मिलेगी ब्रिटेन की नागरिकता, पीएम स्टार्मर ने की नई नीति की घोषणा; बदल जाएंगे ये नियम
अब आसानी से नहीं मिलेगी ब्रिटेन की नागरिकता, पीएम स्टार्मर ने की नई नीति की घोषणा; बदल जाएंगे ये नियम
ब्रिटेन की नागरिकता की चाहत रखने वालों के लिए बुरी खबर सामने आई है। दरअसल ब्रिटेन सरकार ने अब नियमों में कुछ बदलाव किया है। जिसके कारण अब ब्रिटेन की नागरिता पाना कठिन हो सकता है। बताया जा रहा कि अब प्रवासियों के लिए नागरिकता प्राप्त करने की प्रतीक्षा अवधि पांच से बढ़ाकर 10 कर दी गई है।
अब आसानी से नहीं मिलेगी ब्रिटेन की नागरिकता। (फाइल फोटो)
ब्रिटेन की नागरिकता की चाहत रखने वालों के लिए बुरी खबर सामने आई है। दरअसल ब्रिटेन सरकार ने अब नियमों में कुछ बदलाव किया है। जिसके कारण अब ब्रिटेन की नागरिता पाना कठिन हो सकता है। बताया जा रहा कि अब प्रवासियों के लिए नागरिकता प्राप्त करने की प्रतीक्षा अवधि पांच से बढ़ाकर 10 कर दी गई है।

ब्रिटेन की नागरिकता अब आसानी से नहीं मिल सकेगी। अब प्रवासियों के लिए नागरिकता प्राप्त करने की प्रतीक्षा अवधि पांच से बढ़ाकर 10 कर दी गई है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर ने सोमवार को प्रवासन पर सख्त नई नीति की घोषणा की। इस कदम का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में आव्रजन के आंकड़ों में उल्लेखनीय कमी सुनिश्चित करना है।
इस नई नीति का भारतीय समेत दुनियाभर के प्रवासियों पर असर पड़ेगा। संसद में प्रवासन पर बहुप्रतीक्षित श्वेत पत्र पेश किए जाने से पहले प्रेस कान्फ्रेंस में स्टार्मर ने पिछली कंजरवेटिव पार्टी की सरकार पर सीमाएं खुली रखने का प्रयोग कर 'गड़बड़ी' करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, प्रवासन प्रणाली को कड़ा किया जाएगा ताकि हमारे पास अधिक नियंत्रण हो।
नई नीति के बाद बदल जाएगी ये व्यवस्थाउन्होंने बताया कि नई व्यवस्था के तहत ब्रिटेन में पांच साल तक रहने वाले भारतीयों सहित किसी भी व्यक्ति के लिए स्वत: बसने और नागरिकता प्राप्त करने की मौजूदा व्यवस्था समाप्त हो जाएगी। इसके बजाय, सभी प्रवासियों को स्थायी निवास के लिए आवेदन करने से पहले ब्रिटेन में एक दशक बिताना होगा, जब तक कि वे 'अर्थव्यवस्था और समाज में वास्तविक और स्थायी योगदान' नहीं दिखा दें। अत्यधिक कुशल व्यक्तियों, जैसे नर्स, डाक्टर, इंजीनियर और एआइ लीडर, जो ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था में योगदान करते हैं के आवेदन पर शीघ्रता से विचार होगा।
स्टार्मर ने ब्रिटेन के खुले सीमाओं के असफल प्रयोग को समाप्त करने का वादा किया है। यह निर्णय हाल ही में स्थानीय चुनावों में प्रवासन विरोधी रिफार्म पार्टी को मिली सफलता के बाद लिया गया है। ब्रिटिश राजनीति में लंबे समय से प्रमुख पार्टियां, लेबर और कंजरवेटिव्स हैं, लेकिन मेयरों के चुनावों में उनके समर्थन में गिरावट देखी गई है।
आव्रजन के प्रति बढ़ते असंतोष का सामना कर रही स्टार्मर की पार्टीगौरतलब है कि स्टार्मर, जिनकी लेबर पार्टी ने पिछले जुलाई में भारी जीत हासिल की थी, आव्रजन के प्रति बढ़ते असंतोष का सामना कर रहे हैं। आव्रजन विरोधी मानते हैं कि इसने सार्वजनिक सेवाओं पर दबाव डाला है और देश के कुछ हिस्सों में जातीय तनाव को बढ़ावा दिया है।
विदेशी वयस्क आश्रितों के लिए जरूरी होगी अंग्रेजी की बुनियादी समझ पहली बार सभी विदेशी वयस्क आश्रितों को भी अंग्रेजी की बुनियादी समझ प्रदर्शित करनी होगी। स्थानीय समुदाय से मेलजोल, रोजगार खोजने और शोषण और दुर्व्यवहार के जोखिम को कम करने में मदद करने के लिए यह नियम बनाया गया है। हालांकि देश में आने वाले लोगों की संख्या पर वार्षिक सीमा तय नहीं की गई है।
ब्रिटेन की गृह मंत्री यवेट कूपर हाउस ऑफ कामन्स में पेश करेंगी श्वेत पत्रब्रिटेन की गृह मंत्री यवेट कूपर हाउस ऑफ कामन्स में श्वेत पत्र पेश करेंगी। इसमें स्वास्थ्य और देखभाल वीजा को बंद करने सहित विदेशी देखभाल कर्मचारियों की संख्या पर भी अंकुश लगाया जा सकता है। कुशल कामगारों के लिए न्यूनतम योग्यता आवश्यकता को स्नातक स्तर तक बढ़ाने के लिए कुशल कामगारों के लिए वीजा नियम को कड़ा किया जाएगा, साथ ही उनके लिए न्यूनतम वेतन सीमा में भी वृद्धि की जाएगी।
गृह मंत्रालय के अनुसार, अंक-आधारित आव्रजन प्रणाली सीमित समय के आधार पर उन व्यवसायों तक सीमित होगी जहां लंबे समय से नौकरियों की कमी रही है। भारत सहित विदेशी छात्रों के लिए डिग्री पूरी करने के बाद अध्ययन-पश्चात वर्क वीजा पर रहने की अवधि 24 महीने से घटकर 18 महीने रह जाएगी।
इस नई नीति का भारतीय समेत दुनियाभर के प्रवासियों पर असर पड़ेगा। संसद में प्रवासन पर बहुप्रतीक्षित श्वेत पत्र पेश किए जाने से पहले प्रेस कान्फ्रेंस में स्टार्मर ने पिछली कंजरवेटिव पार्टी की सरकार पर सीमाएं खुली रखने का प्रयोग कर 'गड़बड़ी' करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, प्रवासन प्रणाली को कड़ा किया जाएगा ताकि हमारे पास अधिक नियंत्रण हो।
नई नीति के बाद बदल जाएगी ये व्यवस्थाउन्होंने बताया कि नई व्यवस्था के तहत ब्रिटेन में पांच साल तक रहने वाले भारतीयों सहित किसी भी व्यक्ति के लिए स्वत: बसने और नागरिकता प्राप्त करने की मौजूदा व्यवस्था समाप्त हो जाएगी। इसके बजाय, सभी प्रवासियों को स्थायी निवास के लिए आवेदन करने से पहले ब्रिटेन में एक दशक बिताना होगा, जब तक कि वे 'अर्थव्यवस्था और समाज में वास्तविक और स्थायी योगदान' नहीं दिखा दें। अत्यधिक कुशल व्यक्तियों, जैसे नर्स, डाक्टर, इंजीनियर और एआइ लीडर, जो ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था में योगदान करते हैं के आवेदन पर शीघ्रता से विचार होगा।
स्टार्मर ने ब्रिटेन के खुले सीमाओं के असफल प्रयोग को समाप्त करने का वादा किया है। यह निर्णय हाल ही में स्थानीय चुनावों में प्रवासन विरोधी रिफार्म पार्टी को मिली सफलता के बाद लिया गया है। ब्रिटिश राजनीति में लंबे समय से प्रमुख पार्टियां, लेबर और कंजरवेटिव्स हैं, लेकिन मेयरों के चुनावों में उनके समर्थन में गिरावट देखी गई है।
आव्रजन के प्रति बढ़ते असंतोष का सामना कर रही स्टार्मर की पार्टीगौरतलब है कि स्टार्मर, जिनकी लेबर पार्टी ने पिछले जुलाई में भारी जीत हासिल की थी, आव्रजन के प्रति बढ़ते असंतोष का सामना कर रहे हैं। आव्रजन विरोधी मानते हैं कि इसने सार्वजनिक सेवाओं पर दबाव डाला है और देश के कुछ हिस्सों में जातीय तनाव को बढ़ावा दिया है।
विदेशी वयस्क आश्रितों के लिए जरूरी होगी अंग्रेजी की बुनियादी समझ पहली बार सभी विदेशी वयस्क आश्रितों को भी अंग्रेजी की बुनियादी समझ प्रदर्शित करनी होगी। स्थानीय समुदाय से मेलजोल, रोजगार खोजने और शोषण और दुर्व्यवहार के जोखिम को कम करने में मदद करने के लिए यह नियम बनाया गया है। हालांकि देश में आने वाले लोगों की संख्या पर वार्षिक सीमा तय नहीं की गई है।
ब्रिटेन की गृह मंत्री यवेट कूपर हाउस ऑफ कामन्स में पेश करेंगी श्वेत पत्रब्रिटेन की गृह मंत्री यवेट कूपर हाउस ऑफ कामन्स में श्वेत पत्र पेश करेंगी। इसमें स्वास्थ्य और देखभाल वीजा को बंद करने सहित विदेशी देखभाल कर्मचारियों की संख्या पर भी अंकुश लगाया जा सकता है। कुशल कामगारों के लिए न्यूनतम योग्यता आवश्यकता को स्नातक स्तर तक बढ़ाने के लिए कुशल कामगारों के लिए वीजा नियम को कड़ा किया जाएगा, साथ ही उनके लिए न्यूनतम वेतन सीमा में भी वृद्धि की जाएगी।
गृह मंत्रालय के अनुसार, अंक-आधारित आव्रजन प्रणाली सीमित समय के आधार पर उन व्यवसायों तक सीमित होगी जहां लंबे समय से नौकरियों की कमी रही है। भारत सहित विदेशी छात्रों के लिए डिग्री पूरी करने के बाद अध्ययन-पश्चात वर्क वीजा पर रहने की अवधि 24 महीने से घटकर 18 महीने रह जाएगी।
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