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संतों का जीवन अनुकरणीय : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

संतों का जीवन अनुकरणीय : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मुख्यमंत्री ने उज्जैन में संत कंवरराम जी की प्रतिमा का किया अनावरण





मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि संतो का जीवन और आदर्श हमेशा अनुकरणीय होते हैं। सूर्य स्वयं जलकर हम सबको प्रकाश देता है, उसी तरह संत भी स्वयं तप कर हम सबके जीवन को ज्ञान और आनंद से प्रकाशित करते हैं। संत कंवरराम जी भी ऐसे ही एक महान संत थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सोमवार को उज्जैन की सिंधी कॉलोनी, अलखधाम नगर के सार्वजनिक उद्यान में संत कंवरराम जी की प्रतिमा के अनावरण समारोह में यह बात कही। उन्होंने समर्थ सेवा संस्थान के द्वारा आयोजित दिव्यांगजनों को नि:शुल्क हवाई यात्रा करवाने पर बने गोल्डन बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड के प्रमाण-पत्र का वितरण भी किया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आज का दिन अत्यंत शुभ दिन है। आज वैशाख माह की पूर्णिमा है। आज बुध्द पूर्णिमा है। संत कंवरराम जी ने लोगों को सच्चाई और नैतिकता के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। वे सबको साथ में लेकर चलने में विश्वास रखते थे। इस उद्यान में संत कंवरराम जी की प्रतिमा स्थापना से सबको उनका आशीर्वाद मिलता रहेगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नगरपालिका निगम के अधिकारियों से कहा कि उद्यान का नियमित रुप से रख-रखाव किया जाए। उन्होंने अलखधाम नगर के उद्यान को आदर्श उद्यान बनाए जाने के लिए शासन की ओर से सहयोग राशि प्रदान करने की घोषणा भी की। मुख्यमंत्री ने गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दिव्यांगजनों को नि:शुल्क धार्मिक यात्रा के प्रमाण-पत्र वितरित किये। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि दिव्यांगजनों की सेवा ईश्वर की सेवा के समान है। समर्थ सेवा संस्थान द्वारा अत्यंत प्रशंसनीय कार्य किया गया है, जो सबके लिए अनुकरणीय है। समर्थ सेवा संस्थान ने अब तक 47 दिव्यांगजनों को धार्मिक हवाई यात्रा नि:शुल्क कराई है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अपनी ओर से संस्था के पदाधिकारियों को शुभकामनाऐं दीं।

कार्यक्रम में श्री श्याम माहेश्वरी ने संस्थान के बारे में जानकारी प्रदान की। श्री दौलत खेमचंदानी ने संत कंवरराम जी का जीवन परिचय प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि संत कंवर राम जी एक प्रसिद्ध भारतीय संत और कवि थे, जिन्होंने भक्ति साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी कविताओं में जीवन के मूल्यों, प्रेम और अध्यात्म की गहराई को व्यक्त किया गया है। संत कंवर राम जी का जन्म राजस्थान में हुआ था। उनकी कविताओं में सादगी, प्रेम और अध्यात्म की भावना देखने को मिलती है। उन्होंने समाज में व्याप्त कुरीतियों और अंधविश्वासों के खिलाफ आवाज उठाई।

संत कंवर राम जी की कविताओं में जीवन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाया गया है। उनकी रचनाओं में प्रेम, भक्ति और अध्यात्म की भावना प्रमुख है। उनकी कविताएं लोगों को प्रेरित करती हैं और जीवन के मूल्यों को समझने में मदद करती हैं। संत कंवर राम जी की विरासत आज भी जीवित है। उनकी कविताएं और शिक्षाएं लोगों को प्रेरित करती हैं और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने में मदद करती हैं।

इस अवसर पर सांसद श्री अनिल फिरोजिया, विधायक श्री अनिल जैन कालूहेडा, महापौर श्री मुकेश टटवाल, नगर निगम सभापति श्रीमती कलावती यादव, श्री संजय अग्रवाल, समर्थ सेवा संस्थान के अध्यक्ष श्री श्याम माहेश्वरी, श्री किशोर खंडेलवाल, श्री वासु केसवानी, श्री वट्ठिल नागर, श्री दीपक बेलानी, श्री रवि सोलंकी, श्री महेश परियानी, गोल्डन बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड के पदाधिकारी श्री मनीश विश्नोई एवं अन्य गणमान्य नागरिक मौजूद थे। 

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