भारत में कनाडा पेंशन फंड ने किया है 45 बिलियन डॉलर का निवेश, इन्वेस्टमेंट पर नहीं दिखेगा असर
भारत में कनाडा पेंशन फंड ने किया है 45 बिलियन डॉलर का निवेश, इन्वेस्टमेंट पर नहीं दिखेगा असर
भारत और कनाडा के बीच बिगड़ते संबंधों को देखते हुए एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने कहा कि दोनों देशों के बीच निवेश संबंधों पर तत्काल कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। अधिकारी ने कहा भारत में कनाडाई पेंशन फंड उच्च रिटर्न कमा रहे हैं। साल 2022 के अंत तक कनाडा पेंशन फंड ने भारत में 45 बिलियन डॉलर से भी अधिक का निवेश किया है। पढ़िए क्या है पूरी खबर।
निवेश संबंधों पर तत्काल कोई प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है।
HIGHLIGHTSकनाडाई पेंशन फंडों को भारत में अधिक रिटर्न मिल रहा है।
कनाडाई पेंशन फंड ने 2022 के अंत तक भारत में 45 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का निवेश किया है।
इंफ्रास्ट्रक्चर, रिन्यूएबल एनर्जी, टेकनोलॉजी और फाइनेंशियल सर्विस में है कनाडाई पेंशन फंड के शीर्ष निवेश।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क: भारत और कनाडा के बिगड़ते रिश्तों के बीच एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने कहा दोनों देशों के बीच निवेश संबंधों पर तत्काल कोई प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है। अधिकारी के मुताबिक कनाडाई पेंशन फंडों को भारत में अधिक रिटर्न मिल रहा है।
क्या है मामला?
दरअसल खालिस्तानी अंतकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद दोनों देशों के रिश्तों में खटास शुरू हुई जो अब धीरे-धीरे बड़ा रूप बन रही है। मामला यहां तक पहुंच गया कि भारत ने कनाडाई सीटिजन के लिए भारत के विजा प्रॉसेस को भी बंद कर दिया है।

थिंक टैंक जीटीआरआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, कनाडा में सबसे बड़ा पेंशन प्रबंधक, कनाडाई पेंशन फंड ने 2022 के अंत तक भारत में 45 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का निवेश किया है। अब दोनों देशों के बीच बढ़ रही कड़वाहट के बाद चिंताएं बढ़ रही हैं कि कनाडा पेंशन योजना फंड में कुछ आउटफ्लो देखने को मिल सकता है।
तत्काल नहीं पड़ेगा कोई असर
शीर्ष अधिकारी का मानना है कि कनाडाई पेंशन फंड को भारत से अच्छा रिटर्न कहीं नहीं मिलेगा, इसलिए ना तो भारत में कनाडा का निवेश और ना ही कनाडा में भारतीय निवेश पर भी तत्काल कोई असर होगा।
कनाडाई पेंशन फंड ने भारत के इन क्षेत्रों में किया है सबसे ज्यादा निवेश
भारत में कनाडाई पेंशन फंड निवेश के शीर्ष क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर, रिन्यूएबल एनर्जी, टेकनोलॉजी और फाइनेंशियल सर्विस शामिल हैं। प्रमुख होल्डिंग्स की बात करें तो मुंबई स्थित कोटक महिंद्रा बैंक में कनाडाई पेंशन फंड की हिस्सेदारी है और लगभग 70 अन्य भारतीय सार्वजनिक रूप से कारोबार वाली फर्मों में भी हिस्सेदारी शामिल है।
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जीटीआरआई के मुताबिक भारत के बड़े बाजार और निवेश किए गए पैसे पर अच्छे रिटर्न के आधार पर कनाडाई पेंशन फंड भारत में निवेश जारी रखेंगे। अप्रैल 2000 से जून 2023 के बीच भारत को कनाडा से 3.64 बिलियन अमेरिकी डॉलर का एफडीआई मिला है।
विशेषज्ञों की मानें तो कनाडाई पेंशन फंड ने कुछ भारतीय कंपनियों में कुल मिलाकर 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है।
कितनी है हिस्सेदारी?
बीएसई पर उपलब्ध जून-तिमाही के शेयरहोल्डिंग पैटर्न के मुताबिक कनाडाई पेंशन फंड के पास जून तिमाही के अंत में डेल्हीवरी (Delhivery) में 6 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।
वहीं 30 जून, 2023 तक कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank) में 2.68 प्रतिशत हिस्सेदारी, जोमैटो (Zomato) में 2.42 प्रतिशत हिस्सेदारी और इंडसटावर (IndusTower) में 2.18 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।
भारत और कनाडा के बीच बिगड़ते संबंधों को देखते हुए एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने कहा कि दोनों देशों के बीच निवेश संबंधों पर तत्काल कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। अधिकारी ने कहा भारत में कनाडाई पेंशन फंड उच्च रिटर्न कमा रहे हैं। साल 2022 के अंत तक कनाडा पेंशन फंड ने भारत में 45 बिलियन डॉलर से भी अधिक का निवेश किया है। पढ़िए क्या है पूरी खबर।

HIGHLIGHTSकनाडाई पेंशन फंडों को भारत में अधिक रिटर्न मिल रहा है।
कनाडाई पेंशन फंड ने 2022 के अंत तक भारत में 45 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का निवेश किया है।
इंफ्रास्ट्रक्चर, रिन्यूएबल एनर्जी, टेकनोलॉजी और फाइनेंशियल सर्विस में है कनाडाई पेंशन फंड के शीर्ष निवेश।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क: भारत और कनाडा के बिगड़ते रिश्तों के बीच एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने कहा दोनों देशों के बीच निवेश संबंधों पर तत्काल कोई प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है। अधिकारी के मुताबिक कनाडाई पेंशन फंडों को भारत में अधिक रिटर्न मिल रहा है।
क्या है मामला?
दरअसल खालिस्तानी अंतकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद दोनों देशों के रिश्तों में खटास शुरू हुई जो अब धीरे-धीरे बड़ा रूप बन रही है। मामला यहां तक पहुंच गया कि भारत ने कनाडाई सीटिजन के लिए भारत के विजा प्रॉसेस को भी बंद कर दिया है।

थिंक टैंक जीटीआरआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, कनाडा में सबसे बड़ा पेंशन प्रबंधक, कनाडाई पेंशन फंड ने 2022 के अंत तक भारत में 45 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का निवेश किया है। अब दोनों देशों के बीच बढ़ रही कड़वाहट के बाद चिंताएं बढ़ रही हैं कि कनाडा पेंशन योजना फंड में कुछ आउटफ्लो देखने को मिल सकता है।
तत्काल नहीं पड़ेगा कोई असर
शीर्ष अधिकारी का मानना है कि कनाडाई पेंशन फंड को भारत से अच्छा रिटर्न कहीं नहीं मिलेगा, इसलिए ना तो भारत में कनाडा का निवेश और ना ही कनाडा में भारतीय निवेश पर भी तत्काल कोई असर होगा।
कनाडाई पेंशन फंड ने भारत के इन क्षेत्रों में किया है सबसे ज्यादा निवेश
भारत में कनाडाई पेंशन फंड निवेश के शीर्ष क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर, रिन्यूएबल एनर्जी, टेकनोलॉजी और फाइनेंशियल सर्विस शामिल हैं। प्रमुख होल्डिंग्स की बात करें तो मुंबई स्थित कोटक महिंद्रा बैंक में कनाडाई पेंशन फंड की हिस्सेदारी है और लगभग 70 अन्य भारतीय सार्वजनिक रूप से कारोबार वाली फर्मों में भी हिस्सेदारी शामिल है।
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जीटीआरआई के मुताबिक भारत के बड़े बाजार और निवेश किए गए पैसे पर अच्छे रिटर्न के आधार पर कनाडाई पेंशन फंड भारत में निवेश जारी रखेंगे। अप्रैल 2000 से जून 2023 के बीच भारत को कनाडा से 3.64 बिलियन अमेरिकी डॉलर का एफडीआई मिला है।
विशेषज्ञों की मानें तो कनाडाई पेंशन फंड ने कुछ भारतीय कंपनियों में कुल मिलाकर 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है।
कितनी है हिस्सेदारी?
बीएसई पर उपलब्ध जून-तिमाही के शेयरहोल्डिंग पैटर्न के मुताबिक कनाडाई पेंशन फंड के पास जून तिमाही के अंत में डेल्हीवरी (Delhivery) में 6 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।
वहीं 30 जून, 2023 तक कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank) में 2.68 प्रतिशत हिस्सेदारी, जोमैटो (Zomato) में 2.42 प्रतिशत हिस्सेदारी और इंडसटावर (IndusTower) में 2.18 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।
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